Wednesday, June 29, 2016

Happy mandi


मंदी में पति की लिखी इक 
कवीता अपनी पत्नी को ।

प्रिय क्यूँ तुम नए-नए 
सूट सिलाती हो !

पुरानी साडी में भी तुम 
अप्सरा सी नजर आती हो !!!

इन ब्यूटी पार्लरों के 
चक्करों में ना पडा करो !

अपने चांद से चेहरे को 
क्रीम पाउडर से यूँ ना ढका करो !!

रेस्टोरेंट होटल के खाने में क्या रखा है !
तुम्हारे हाथों से बना घर का खाना, 
इनसे लाख गुना अच्छा है !!!

इन सैर सपाटों में वो बात कहाँ !
तुम्हारे मायके जैसा 
ऐशो-आराम कहाँ !!!

नौकरों से खिटपिट में, 
मत सेहत तुम अपनी खराब करो !

झाडू-पौछा लगा 
हल्का सा व्यायाम करो !!!

सोने-चांदी में मिलती 
अब सो सो खोट है !

तुम्हारी सुन्दरता ही 
24 कैरेट प्योर गोल्ड है !!!

माया-माया मत किया कर पगली, 
यह तो महा ठगिनी है !

मेरे इस घर-आंगन की तो, 
तू ही असली धन लक्ष्मी है !!

        *हैप्पी मंदी*
WhatsApp

Please please visit my other blog
 sukhlani.com 
hindiroad blogspot.com

Friday, June 3, 2016

एक सत्य

भारत का एक परम सत्य:
पैसा नहीं होने के कारण पढाई छोड़ने वाले बहुत मिल जायेंगे,

लेकिन पैसा नहीं होने के कारण दारू, जुआ, गांजा, गुटखा, तम्बाकू छोड़ने वाला आज तक कोई नहीं मिला।